लगता था यहाँ,
तुमसे,
मिलना और बिछडना,
दोस्तों का अक्सर
आना जाना,
चिजों का पाना
और खोना है।
ये सब तो झूठ है।
यहाँ
न किसी का
आना जाना,
पाने और खोने का
सपना पुराना,
मेरे दिल को
फिर भी अब तक
इसीने सँवारा
है।
यहाँ तो बस
मेरा
कभी होना,
और कभी न होना,
सदियों से
सपने को सुहाना
बनाए है।
तुमसे,
मिलना और बिछडना,
दोस्तों का अक्सर
आना जाना,
चिजों का पाना
और खोना है।
ये सब तो झूठ है।
यहाँ
न किसी का
आना जाना,
पाने और खोने का
सपना पुराना,
मेरे दिल को
फिर भी अब तक
इसीने सँवारा
है।
यहाँ तो बस
मेरा
कभी होना,
और कभी न होना,
सदियों से
सपने को सुहाना
बनाए है।
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