Saturday, September 12, 2015

लगता था यहाँ,
तुमसे,
मिलना और बिछडना,
दोस्तों का अक्सर
आना जाना,
चिजों का पाना
और खोना है।

ये सब तो झूठ है।

यहाँ
न किसी का
आना जाना,
पाने और खोने का
सपना पुराना,
मेरे दिल को
फिर भी अब तक
इसीने सँवारा
है।

यहाँ तो बस
मेरा
कभी होना,
और कभी न होना,
सदियों से
सपने को सुहाना
बनाए है।

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